भक्ति वाणी ll सर्वधर्मान् परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज।अहं त्वां सर्वपापेभ्यो मोक्षयिष्यामि मा शुचः॥
llयहां पर प्रेमानंद जी महाराज के सत्संग में से महत्पूर्ण सत्संग मिलेंगेll