प्रिय शिक्षार्थियो!
27 वर्षों के हिंदी-अध्यापन-अनुभव के बाद मेरे मन में यह विचार आया कि क्यों न अपने इस अनुभव को YouTube के माध्यम से देश-विदेश के शिक्षार्थियों तक पहुँचाया जाए ताकि वे इसका लाभ उठा सकें और सफलता प्राप्त कर सकें | मैंने अपना उद्देश्य भी दो पंक्तियों में स्पष्ट कर दिया है | वे पंक्तियाँ हैं -
हिंदी की हो सहज समझ,
आओ मिल लहराएँ ध्वज |
- डॉ. सत्येन्द्र 'प्रियेश'