स्थाई ख़ुशी,सदाकाल की शांति और जीवन मे रहते हुए दुःख दर्दो से मुक्ति सिर्फ एक निराकारी परम पिता परमात्मा से ही प्राप्त हो सकती है जिसे सभी धर्मो मे मान्यता प्राप्त हैऔर जो सदा शिव(कल्याणकारी)है भगवद गीता मे भी उस निराकार, अनादि ,अजन्मा कल्याणकारी शिव का गायन है
यो मामजमनादिं च वेत्ति लोकमहेश्वरम्।
असम्मूढः स मर्त्येषु सर्वपापैः प्रमुच्यते।
जो मनुष्य मुझे अजन्मा, अनादि और सम्पूर्ण लोकोंका महान् ईश्वर जानता है अर्थात् दृढ़तासे मानता है,वह मनुष्योंमें असम्मूढ़(जानकार)है और वह सम्पूर्ण पापोंसे मुक्त हो जाता है।वह निराकारी शिव साकारी एकव्यापी स्वरुप द्वारा इस कलयुग के अंत और सतयुग के आदि ,पुरुषोत्तम संगम युग मे साधारण मनुष्य तन के द्वारा गीता ज्ञान देकर भारत की पावन भूमि पर पुनः सनातन देवी देवता धर्म और सतयुगी दैवीय दुनिया की स्थापना कर रहे है इस ईश्वरीय ज्ञान और उसके ईश्वरीय वर्से पर सभी मनुष्य आत्माओ का जन्म सिद्ध अधिकार है इस अलौकिक ईश्वरीय ज्ञान और निराकारी शिव के साकारी पार्ट को जानने के लिए संपर्क करे–
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